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नई दिल्ली। बीजेपी के सांसद आदित्यनाथ ने एक बार फिर धर्म परिवर्तन को जायज ठहराया है। योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि जो लोग घर वापसी का विरोध कर रहे हैं वो सेक्यूलरवादी हैं। ये हिंदू विरोधी ताकतों का काम है। जनजातियों के धर्मांतरण का विरोध करना चाहिए। धर्मांतरण पर कड़े कानून के लिए सरकार पक्षधर है।
उन्होंने ये भी कि किसी कालखंड में बल या धन के लालच में की हिंदू अगर ईसाई या मुस्लिम में बना है तो वो घर वापसी करेगा। आदित्यनाथ के इस बयान पर सियासी हलकों में हंगामा मचा है। राज्यसभा में धर्म परिवर्तन का मुद्दा उठा टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्राय ने कहा कि आज हम राज्यसभा को चलने नहीं देंगे यहां वो डिजिटल इंडिया की बात करते हैं और बाहर डिस्ट्रक्टिव इंडिया की बात करते हैं।
जेडीयू नेता शरद यादव नेता ने कहा कि मुझे यकीन देश की जनता इनका जबाव देगी। उन्होंने कहा कि कुछ लोग देश की एकता को तोड़ना चाहते हैं। वहीं बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने कहा कि ये लोग सांप्रदायिक तनाव पैदा कर राज्य में दंगें कराना चाहते हैं। राज्य सरकार को इनसे सख्ती से निपटना चाहिए।प्रधानमंत्री मोदी को भी इनके उपर नियत्रंण रखना चाहिए क्योंकि इससे उनकी इमेज भी खराब होती है।
वहीं बिहार के पूर्व सीएम नीतीश कुमार ने आदित्यनाथ द्वारा दिए गये बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने केंद्र सरकार पर देश के मूल मुद्दों से जनता का ध्यान बांटने के लिए इस तरह का बयान देने का आरोप लगाया। नीतीश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि दिल्ली में बैठकर लोग विकास की बात करते हैं वहीं उनके लोग देश को बांटने की बात करते हैं।