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desk| संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावती को सेंसर बोर्ड ने हरी झंडी दे दी है. CBFC ने रिव्यू कमेटी और एडवाइजरी पैनल की 3 बड़ी आपत्तियों को मान लिया है. सूत्रों के मुताबिक 28 दिसंबर को सेंसर बोर्ड की मीटिंग में कुछ बदलाव के बाद UA सर्टिफिकेट देने का फैसला लिया गया है. सूत्रों ने बताया जैसे ही निर्माता सेंसर के सुझाए बदलाव कर लेंगे फिल्म पास कर दी जाएगी. हालांकि संजय लीला भंसाली या वायकॉम 18 की ओर से अभी इस बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.आइए जानते हैं तीन बड़ी आपत्तियां और नए अपडेट पर करणी सेना ने क्या कहा…
अगर बोर्ड चाहती है कि फिल्म का नाम बदल दिया जाए तो हो सकता है फिल्म का नया नाम पद्मावत हो. पैनल और बोर्ड ने भी फिल्म के लिए इस टाइटल को उपयुक्त पाया है. इससे पहले भंसाली भी साफ कर चुके हैं कि फिल्म किसी सच्ची घटना पर नहीं बल्कि मलिक मोहम्म्द जायसी की किताब पद्मावत पर आधारित है.
फिल्म में एक डिस्क्लेमर भी डाला जाएगा. सूत्रों के मुताबिक इसमें जौहर प्रथा को महिमा मंडित न करने और ऐतिहासिक घटना पर फिल्म न होने की बात का जिक्र होगा. बता दें कि 28 नवंबर को फिल्म का फाइनल 3D एप्लिकेशन दे दिया गया था. इसके पहले सेंसर बोर्ड को जमा की गई फिल्म की कॉपी में डिस्क्लेमर नहीं दिया गया था कि फिल्म सच्ची घटनाओं पर आधारित है या काल्पनिक है.
फिल्म के विवादित घूमर सॉन्ग में भी बदलाव किया जाएगा. करणी सेना समेत राजस्थान के कई पूर्व राज परिवारों ने रानियों के नाचने-गाने पर कड़ी आपत्ति जताई थी. फिल्म में पद्मावती का रोल कर रही दीपिका पर एक घूमर डांस फिल्माया गया है.
करणी सेना के सुखदेव सिंह ने आजतक से कहा, ‘सेंसर बोर्ड को डेट रखकर फिल्म दिखानी चाहिए थी. उन्होंने गुपचुप तरीके से फिल्म दिखाई.’ उन्होंने ने कहा, ‘सेंसर क्या उस बात को मानेगा जिसमें कमेटी के कुछ लोगों ने फिल्म न दिखाने की बात की थी. उन्होंने फिल्म में जौहर कुंड दिखाने पर भी आपत्ति जताई.’ इससे पहले इस तरह की खबरें आई थीं कि रिव्यू कमेटी के कुछ सदस्यों ने फिल्म खारिज कर दी थी. हालांकि सेंसर सूत्रों ने सुबह आजतक से हुई बातचीत में इसे कन्फर्म नहीं किया.
बता दें पद्मावती को प्रमाणन देने के लिए सेंसर बोर्ड ने 28 दिसंबर को अपनी जांच समिति की बैठक की. फिल्म के विवाद से निपटने के लिए एक कमेटी का गठन भी किया गया इसमें पद्मावती के वंशज और राजघराने के चेहरे भी शामिल हुए. बैठक में सीबीएफसी अधिकारियों के साथ नियमित जांच समिति के सदस्यों और अध्यक्ष प्रसून जोशी की उपस्थिति में एक विशेष सलाहकार पैनल भी शामिल था. बैठक में फिल्म के निर्माता और सोसाइटी को ध्यान में रखते हुए फिल्म को एक संतुलित दृष्टिकोण की तरह पेश किए जाने पर सहमति बन गई.
पद्मावती: रिव्यू के लिए CBFC ने पूर्व राजपरिवार को न्योता भेजा, वंशज ने पूरी फिल्म पर उठाए सवाल
बैठक में सेंसर चीफ प्रसून जोशी के साथ CBFC द्वारा गठित पैनल में उदयपुर पूर्व राजपरिवार के सदस्य अरविंद सिंह मेवाड़, जयपुर यूनिवर्सिटी के डॉ चंद्रमणी सिंह और प्रोफेसर के.के. सिंह शामिल थे. पैनल के सदस्यों ने पद्मावती से जुड़ी ऐतिहासिक घटनाओं और कई पहलुओं पर दावों के साथ सुझाव दिए और इस पर लंबी चर्चा की गई.
बताते चलें कि करणी सेना और कुछ राजनीतिक दलों की ओर से ‘पद्मावती’ की कहानी पर सवाल उठने के बाद फिल्म विवादों में आ गई थी. रिलीज भी टल गई थी.
जानकारी के मुताबिक़ सेंसर के पैनल में 6 सदस्य थे. पैनल को फिल्म की समीक्षा के बाद तय करना था कि इसे सिनेमाघर में रिलीज किया जाना है या नहीं. मेकर्स पहले इस फिल्म को 12 दिसंबर को रिलीज करना चाहते थे. फिल्म चित्तौड़गढ़ की रानी पद्मिनी की कहानी पर आधारित है.दीपिका पादुकोण ने रानी पद्मावती का रोल किया है.
क्या है पद्मावती पर विवाद
फिल्म को लेकर लंबे समय से हंगामा है. आरोप है कि संजय लीला भंसाली ने पद्मावती के व्यक्तित्व को तोड़-मरोड़ कर पेश किया है. आरोप है कि फिल्म में रानी पद्मावती और खिलजी के बीच ड्रीम सीक्वेंस है. हालांकि भंसाली खुद इस बात को खारिज कर चुके हैं. बाद में एक बयान में उन्होंने ये भी कहा कि उनकी फिल्म जायसी की पद्मावत पर आधारित है.
विवाद की वजह से 12 दिसंबर को प्रस्तावित फिल्म सेंसर में अटक गई और इसकी रिलीज डेट टालनी पड़ी. भंसाली को संसदीय कमेटी के सामने भी पेश होना पड़ा, जहां वो कई सवालों का जवाब नहीं डे पाए. चर्चा है कि अगर फिल्म अगले साल रिलीज हो सकती है. हालांकि अभी सेंसर को इसे पास करना है. पद्मावती को लेकर विवाद भी शांत नहीं हुए हैं. इस फिल्म में दीपिका पादुकोण पद्मावती की भूमिका जबकि रणवीर सिंह अलाउद्दीन खिलजी और शाहिद राज रतन सिंह रावल के किरदार में नजर आएंगे.