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faridabad| नगर निगम के पूर्व महापौर अशोक अरोड़ा, वरिष्ठ उपमहापौर मुकेश शर्मा व उपमहापौर राजेन्द्र भामला एवं गठित कमेटी के सदस्य के हस्तक्षेप के चलते मााननीय उच्च न्यायालय ने फरीदाबाद में वार्ड बंदी के कार्य में कोताही बरतने के मामले में 11 मार्च की तारीख दी है।
माननीय न्यायाधीश ने अपने फैसले में कहा कि पूर्व में जब फरीदाबाद नगर निगम में मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर, डिप्टी मेयर व पार्षद को वार्डबंदी के लिए मनोनीत किया गया था तब बगैर किसी फैसले के भाजपा ने सत्ता संभालते ही अपने सदस्यों को मनोनीत कर दिया जो कि अंसैवधानिक था। वरिष्ठ उपमहापौर मुकेश शर्मा ने कहा कि सदैव सत्य की जीत होती हैं और वार्डबंदी में भी सच्चाई की जीत होगी। बढ़ती आबादी के चलते 35 से 40 वार्ड होने चाहिए परंतु क्रमांक संख्या 35 के बाद 36 से 40 होनी चाहिए। यहीं शहरवासियों के लिए सुखद रहेगा।