जाटों की धमकी- रैली रोकने की कोशिश की तो…

 जाटों की धमकी- रैली रोकने की कोशिश की तो…
jaat aarakshan

todaybhaskar.com
चंडीगढ़। जाट आरक्षण की मांग एक बार फिर तेज होती हुई नजर आ रही है। अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष कमेटी (एबीजेएएसएस) ने सरकारी नौकरियों में आरक्षण के लिए 5 जून से फिर से आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दी है। इसे देखते हुए सात जिलों में 27 जुलाई तक धारा 144 लगाई गई है। जाट बहुल सोनीपत, रोहतक, झज्जर, जिंद, कैथल, भिवानी और फतेहाबाद जैसे संवेदनशील जिलों में पुलिसकर्मियों और अर्धसैनिक बलों को तैनात किया जा रहा है। इन जिलों में फरवरी में भी आंदोलन के दौरान व्यापक हिंसा हुई थी। दिल्ली की लाइफलाइन पश्चिमी यमुना नहर पर भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

जाट नेताओं ने सरकार पर लगाया आरोप
एबीजेएएसएस अध्यक्ष यशपाल मलिक ने आरोप लगाया कि जाट आरक्षण के संबंध में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने अपना वादा पूरा नहीं किया है, इसलिए 5 जून से जाट न्याय रैली का आयोजन किया जाएगा। रैली शांतिपूर्वक निकाली जाएगी, लेकिन पुलिस अगर जवाबी कार्रवाई करेगी या हिंसक तरीके से रोकने की कोशिश करेगी, तो आंदोलनकारी अपना निर्णय करने के लिए स्वतंत्र हैं। इससे पहले हरियाणा, दिल्ली और यूपी के जाट नेताओं ने रविवार को दिल्ली में गृह मंत्री राजनाथ सिंह के आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन किया था। उन्होंने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के जाट आरक्षण को स्थगित करने के फैसले का विरोध किया था।

सरपंचों ने बुलाई पंचायत
हरियाणा के 63 गांवों के सरपंचों ने 5 जुलाई को पंचायत बुलाई है। इसमें जाट आरक्षण पर सरकार के कदम की समीक्षा होगी और आगे की रणनीति बनाई जाएगी। वहीं सोनीपत के डीएम के मकरंद पांडुरंग ने कहा कि तनाव, संघर्ष, जान-माल का नुकसान और कानून व्यवस्था की स्थिति खराब होने से रोकने के लिए जिले में निषेधाज्ञा लागू करने का आदेश जारी किया गया है।

हरियाणा सरकार ने हाईकोर्ट में पेश की रिपोर्ट
हरियाणा सरकार ने फरवरी में हिंसक जाट आंदोलन के संबंध में पूर्व वरिष्ठ पुलिस अधिकारी प्रकाश सिंह कमेटी की रिपोर्ट सोमवार को सीलबंद लिफाफे में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में पेश की। हिंसक प्रदर्शन के दौरान मुरथल में गैंगरेप की जांच की स्टेटस रिपोर्ट भी अदालत को सौंपी गई है।

फरवरी में भड़का था आंदोलन
सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण की मांग के समर्थन में फरवरी में जाट समुदाय ने हिंसक आंदोलन किया था। इस दौरान 30 लोगों की मौत हुई थी जबकि 300 से अधिक लोग घायल हुए थे। इसके अलावा करोड़ों रुपए की संपत्ति का नुकसान हुआ था। बाद में हरियाणा सरकार ने 13 मई को हरियाणा पिछड़ा वर्ग (नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण) अधिनियम, 2016 को अधिसूचित किया था। लेकिन पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने राज्य सरकार की ओर से स्वीकृत आरक्षण पर 21 जुलाई तक के लिए अंतरिम स्थगन आदेश दे दिया है।

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