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केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने संसद में बजट 2016 पेश करते हुए कहा है कि ऐसे वक्त में जब वैश्विक अर्थव्यवस्था गंभीर अवस्था से गुजर रही है, भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति स्थिर बनी हुई है। उन्होंने कहा कि विरासत में हमें खराब अर्थव्यवस्था मिली थी लेकिन अब हालात बेहतर हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि अगले पांच साल में किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे पर ज़्यादा खर्च होगा। उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता कमजोर वर्गों पर है।
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2016-17 के आम बजट में कर सुधार, कारोबार सुगमता और राजकोषीय अनुशासन समेत ‘नौ स्तंभों’ पर कार्य करने की आज घोषणा की ताकि भारतीय अर्थव्यवस्था का कायाकल्प किया जा सके। वित्त वर्ष 2016-17 का आम बजट पेश करते हुए उन्होंने कहा कि इन स्तंभों में प्रशासन में सुधार पर जोर भी शामिल है।
इन नौ स्तंभों में कृषि और ग्रामीण अवसंरचना, शिक्षा एवं कौशल विकास भी शामिल हैं। इसके तहत 2022 तक कृषि आय दोगुनी करने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि सरकार सामाजिक क्षेत्रों, शिक्षा तथा कौशल विकास और रोजगार सृजन पर जोर देगी ताकि ज्ञान आधारित और उत्पादक अर्थव्यवस्था तैयार की जा सके। जेटली ने कहा कि सरकार बुनियादी ढांचा निवेश, वित्तीय क्षेत्र सुधार, राजकोषीय अनुशासन और कर सुधार पर भी ध्यान देगी ताकि अनुपालन का बोझ कम हो।
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वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के दीर्घ कालिक लक्ष्य के साथ आज इस कृषि क्षेत्र के लिए करीब 36,000 करोड़ रुपए के आवंटन की घोषणा की। साथ ही उन्होंने अगले वित्त वर्ष के लिए कृषि रिण का लक्ष्य बढ़ाकर नौ लाख करोड़ रुपए करने का प्रस्ताव किया। उन्होंने कृषि रिण पर ब्याज छूट के लिए 15,000 करोड़ रुपए का आवंटन किया जबकि नयी फस्ल बीमा योजना के लिए 5,500 करोड़ रुपए और दलहन उत्पादन को प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए 500 करोड़ रुपए का आवंटन किया। जेटली ने यह भी कहा कि एकीकृत कृषि बाजार 14 अप्रैल को पेश किया जाएगा और मार्च 2017 तक सभी 14 करोड़ किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड प्रदान किया जाएगा
वित्त मंत्री अरूण जेटली ने बीमा, पेंशन तथा संपत्ति पुनर्निर्माण कंपनियों समेत कई क्षेत्रों के लिये एफडीआई नीति को उदार बनाने का आज प्रस्ताव किया। इसका मकसद और विदेशी निवेश आकर्षित करना है। जेटली ने 2016-17 के अपने बजट भाषण में कहा, ‘मैं एफडीआई नीति में और सुधार की घोषणा करना चाहूंगा। बीमा और पेंशन, संपत्ति पुनर्निर्माण कंपनियों, शेयर बाजार आदि क्षेत्रों में बदलाव का प्रस्ताव है।’ उन्होंने यह भी कहा कि प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नीति को किसानों तथा खाद्य प्रसंस्करण उद्योग की जरूरतों को पूरा करना है क्योंकि किसानों द्वारा उत्पादित काफी मात्रा में फलों एवं सब्जियों को या तो उचित मूल्य नहीं मिल पाता है या फिर वे बाजार में नहीं पहुंचते।
कभी मनरेगा के प्रभाव पर सवाल उठाने वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार ने वित्त वर्ष 2016-17 में इस योजना के लिए आवंटन 3,800 करोड़ रुपये बढ़ाने का प्रस्ताव किया है। वित्त मंत्री अरण जेटली ने आज संसद में पेश केंद्रीय बजट में ग्रामीण विकास की रूपरेखा पेश की।
जेटली ने लोकसभा में अपने बजट भाषण में कहा, ‘2016-17 में मनरेगा के लिए 38,500 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। यदि पूरी राशि खर्च हो जाती है, तो यह मनरेगा में अब तक सबसे बड़ा बजट खर्च होगा।’ सरकार ने इससे पिछले वित्त वर्ष के बजट में मनरेगा के लिए 34,699 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान किया था। इसके अलावा सरकार ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा इस कोष के वास्तविक इस्तेमाल के आधार पर 5,000 करोड़ रुपये अतिरिक्त उपलब्ध कराने का वादा किया था। मनरेगा के लिए 2014-15 में आरंभिक बजटीय आवंटन 34,000 करोड़ रुपये था। संशोधित बजट में इसे घटाकर 31,000 करोड़ रुपये कर दिया गया।