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फरीदाबाद। ग्राम भूपानी स्थित, एकता के प्रतीक, ध्यान-कक्ष यानि समभाव-समदृष्टि के स्कूल की भव्य शोभा देखने आज गवर्मेण्ट सीनियर सैकन्डरी स्कूल, सारन के छात्र सतयुग दर्शन वसुन्धरा परिसर में पहुँचे। सभी की जानकारी के लिए एकता के प्रतीक नाम से प्रसिद्ध इस भव्य दर्शनीय स्थल को वर्तमान समय में मानव जाति की एकता व शांति के प्रतीक के रूप में देखा जा रहा है।
उपस्थित छात्रो को यहा बताया गया कि समभाव-समदृष्टि का यह स्कूल हमें मानव-धर्म अपनाकर, मैत्री-भाव अनुसार एकता, एक अवस्था के भाव में बने रहने का संदेश दे रहा है। इस संदेश को मनन कर जीवन में उतारने से ही हम एक दूसरे के दु:ख-सुख को समझकर आत्मभाव व आदर भाव से सब की आत्मा का सत्कार कर पाते हैं और परस्पर सजन-भाव का वर्त-वर्ताव करते हुए एक ऐसे नैतिक समाज का गठन करने में सफल हो जाते हैं जहाँ चारों ओर सुख-शांति व समृद्धि होती है।
विद्यार्थियों ने बताया कि हमें यहाँ आकर बहुत ही अच्छा लग रहा है क्योंकि अभी तक हमने देखा है कि हमारा परिवार, समाज, शिक्षक व सम्पर्क में आने वाले अन्य सभी सजन हमसे संतोष, धैर्य धारण कर सच्चाई, धर्म की राह पर चलने की अपेक्षा तो करते हैं परंतु इन सद्गुणों को हकीकत में अर्थ क्या है और मानव जीवन में इनकी महता व आवश्यकता क्या है व इन सद्गुणों का व्यवहारिक रूप में कैसे धारण करना है, इसके विषय में कोई नहीं बताता। शायद इसीलिए कि वे खुद को इन आदर्शों अनुरूप परस्पर व्यवहार करने में असक्षम पाते हैं। अत: हमें लगता है कि यह समभाव-समदृष्टि का स्कूल सभी मानवों के लिए मानवता अपनाने हेतु निजी आवश्यकता है। इसलिए हम हर मानव से प्रार्थना करना उचित समझते हैं कि वह इस स्कूल से प्रदान की जाने वाली आत्मिक ज्ञान की पढ़ाई से पूरा लाभ उठाए और एक अच्छे इंसान होने का आदर्श रूप बने।