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नई दिल्ली। राबर्ट वाड्रा-डीएलएफ लैंड डील से संबंधित अहम फाइल गुम हो गई है। बताया गया है कि जमीन घोटाले में तीन सदस्यीय पैनल बनाने को लेकर जारी की गई ऑफिशल नोटिंग गुम हो गई है। इसी पैनल ने राबर्ट वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट को जमीन घोटाले में क्लीन चिट दी थी और डीएलएफ-स्काईलाइट डील का म्यूटेशन रद्द करने वाले आईएएस अशोक खेमका पर अविश्वास जताया था।
अशोक खेमका ने जमीन घोटाले से जुड़ी ऑफिशल नोटिंग मांगने के लिए अपील की थी, जिसके बाद सरकार ने एक एफिडेविट राज्य सूचना आयोग (एसआइसी) के समक्ष पेश किया। जमीन सौदा घोटाले के केस में अशोक खेमका के खिलाफ भी चार्जशीट फाइल की गई है। इस मामले में अपने डिफेंस के लिए खेमका ने पहले कार्मिक विभाग से ऑफिशल नोटिंग की मांग की थी, जोकि नहीं मिल पाई। इसके बाद खेमका ने एसआइसी का दरवाजा खटखटाया था।
आइएएस ऑफिसर अशोक खेमका द्वारा आरटीआइ के तहत फाइल की गई याचिका में स्टेट पब्लिक इंफॉर्मेशन ऑफिसर डीआर वाधवा ने जवाब दिया और बताया, ‘आदेश में लगे नोट से पेज नंबर 1 और 2 गायब है और यही वजह है कि याचिकाकर्ता को ये पेज उपलब्ध नहीं कराए जा सकते हैं। फैसले से संबंधित सभी महत्वपूर्ण टिप्पणियां उन्हीं दो पेज में थे, जो अभी गायब हैं।
जब इन गायब पेज के बारे में मुख्य सचिव पीके गुप्ता से पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘खेमका ने आरटीआइ के जरिए कुछ दस्तावेजों की मांग की थी, हमने कागज भेज दिए हैं, जिसमें से दो पेज नहीं मिल पा रहे हैं. इसकी जांच की जा रही है। खेमका ने इन गायब पेज की शिकायत हरियाणा के चीफ इन्फॉर्मेशन कमिश्नर और चीफ सेक्रेट्री से की है। खेमका ने अपनी शिकायत में कहा कि दो पेज में दर्ज टिप्पणी में महत्वपूर्ण सूचनाएं थीं और यह भी था कि कैसे अवैध तरीके से जांच के लिए समिति का गठन किया गया था।