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नई दिल्ली। अब नॉर्थ ईस्ट के लोगों को ‘चिंकी’ कहने पर सजा हो सकती है। अगर गृहमंत्रालय ने सिफारिशें मान लीं तो नॉर्थ ईस्ट के लोगों को ‘चिंकी’ कहने पर पांच साल तक जेल की हवा खानी पड़ेगी। यहीं नहीं तय किया गया जुर्माना अलग से भरना पड़ेगा और इसे गैर जमानती क्राइम भी माना जाएगा।
एम के बेजबरुआ पैनल ने गृहमंत्रालय को जो सिफारिशें भेजीं हैं, उसके मुताबिक आईपीसी में बदलाव लाकर नस्लीय भेदभाव के खिलाफ कड़े कानून बनाए जाने की वकालत की गई है। अगर गृहमंत्रालय इन सिफारिशों को मान ले तो ‘चिंकी’ कहने वालों की खैर नहीं। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि केंद्र सरकार आईपीसी में दो नए सैक्शन (सेक्शन 153-C और सेक्शन 509-A) शामिल करने पर विचार कर रही है।
सेक्शन 153-C के तहत लिखित या बोले गए शब्दों से किसी इंसान पर नस्लीय टिप्पणी करना गैर-जमानती जुर्म होगा और इसमें 5 साल की कैद के साथ-साथ जुर्माना भी लगेगा।
सेक्शन 509-A के तहत किसी शब्द के इशारों में बोलने, मुंह बनाने, चिढ़ाने या सिर्फ इशारे करके नस्लीय टिप्पणी करना भी आपको तीन साल तक जेल भेजा जा सकता है।