-जनता के पैसे पर ऐश करते दिखे निगम पार्षद, अधिकारियों को नहीं कोई परवाह
टुडे भास्कर डॉट कॉम
फरीदाबाद। नगर निगम सदन की बैठकों का दौर एक बार फिर चल पड़ा है लेकिन शहर के लोगों का कहना है कि यह सब जनता के पैसों पर जनता का माइंडवॉश करने की रणनीति है। आज की बैठक से निगम आयुक्त व सत्ता पक्ष के पार्षद बाहर रहे।
आगामी नगर निगम के चुनाव में छह महीने से भी कम समय बचा है। ऐसे में पार्षदों के आगे बड़ा सवाल है कि वह जनता के सामने कुछ करके दिखाएं। इसके लिए निगम सदन की बैठकों का दौर फिर से शुरू हो गया है। एक बार फिर निगम आयुक्त की अनुपस्थिति में शुरू हुई मीटिंग के शुरुआत में पार्षदों ने अधिकारियों के नकारेपन और लचर रवैये पर जमकर प्रहार किए। हालांकि सत्ता पक्ष के पार्षदों के पूरी तरह से अनुपस्थित रहने से विरोध रंग नहीं ला सका जिससे कार्रवाई शुरू हुई जिसमें कुछ अहम निर्णय भी लिए गए। लेकिन निगमायुक्त की अनुपस्थिति में संयुक्त आयुक्त द्वारा लिए गए निर्णय कितना महत्व रखेंगे यह आने वाला समय बताएगा। लोगों ने इस पर तंज कसे कि सत्ता आने से पहले सदन में हल्ला करने वाले भाजपा पार्षदों की रुचि सदन में समाप्त हो रही है।
आज की बैठक में योगेश ढींगड़ा ने नगर निगम द्वारा पानी के बढ़े हुए बिल भेजने पर रोक लगाने की मांग की। जिस पर सदन ने सहमति जताई वहीं ढींगड़ा के ही नियमित कॉलोनियों के बकाया विकास शुल्क पर ब्याज व जुर्माना माफी के प्रस्ताव को भी सदन ने समर्थन दिया। इस प्रस्ताव को राज्य सरकार की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। बैठक में संयुक्त आयुक्त सुनीता वर्मा, महापौर अशोक अरोड़ा, उप महापौर राजेंद्र भामला, पार्षद महेंद्र सरपंच, महेश मणि, पूरण देवी, कविता आजाद, कैलाशवंती मल्होत्रा, संयोगिता भड़ाना, इतवारी लाल, पूर्व महापौर अनीता गोस्वामी, अनिल शर्मा, कमल यादव, राव रामकुमार, शशीबाला, राजेंद्र अग्रवाल भी मौजूद थे।
फोटो नंबर आठ- कांग्रेस व इनेलो के पार्षद सदन की बैठक में भागीदारी करते हुए।
फोटो नंबर नौ- भाजपा के पार्षदों की खाली पड़ी सीटों से बेरौनक सदन।