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मुंबई| लंदन से मुंबई आ रही जेट एयरवेज में पायलट और महिला को- पायलट में किसी बात पर विवाद हो गया । बात इतनी बिगड़ गई जिसके बाद दोनों में झगड़ा शुरू हो गया। बात बढ़ने पर पायलट ने अपनी महिला को- पायलट को थप्पड़ मार दिया। जिसके बाद उसने प्लेन उड़ाने से मना कर दिया। आपको बता दें, जिस वक्त महिला कॉकपिट छोड़कर आई थी उस समय प्लेन हवा में ही था।केबिन क्रू के हाथ पांव फूले…
-जेट एयरवेज की फ्लाइट लंदन से मुंबई आ रही थी। कॉकपिट में हमेशा की तरह पायलट और को-पायलट मौजूद थे, जो कि रिश्ते में लिव-इन पार्टनर भी थे।
– विमान हवा में ही था, तभी दोनों के बीच किसी बात पर बात बिगड़ गई। झगड़ा शुरू हो गया। बात इतनी बढ़ी कि पायलट ने अपनी महिला को-पायलट पर हाथ उठा दिया। फीमेल-पायलट ने बीच हवा में ही कॉकपिट छोड़ दिया। रोते हुए बाहर आ गई। कहा- नहीं उड़ाऊंगी प्लेन।
– विमान पूरी रफ्तार में था। इतने में कॉकपिट से पायलट मदद के लिए को-पायलट को कॉकपिट में वापस भेजने के सिग्नल देने लगा। महिला को-पायलट ने जाने से साफ मना कर दिया।
– केबिन क्रू के हाथ-पांव तब और फूल गए जब को-पायलट को कॉकपिट में वापस ले जाने के लिए पायलट भी बाहर आ गया। कॉकपिट के बाहर गैलरी में खड़े दोनों पायलट झगड़ने लगे।
– केबिन क्रू ने पहले तो पायलट को वापस कॉकपिट में भेजा, फिर तमाम मिन्नतों के बाद को-पायलट को भी मनाकर वापस कॉकपिट में भेजा। कुछ मिनट ही बीते थे कि महिला पायलट फिर रोते हुए बाहर आ गई।
– केबिन क्रू ने फिर समझाकर वापस कॉकपिट में भेजा। फिल्मी ड्रामे के बीच जैसे-तैसे फ्लाइट की मुंबई में सेफ लैंडिंग कराई गई। घटना 1 जनवरी की है।
जेट की इस फ्लाइट 9डब्ल्यू-
– 119 में केबिन क्रू और पायलट टीम के 14 सदस्यों सहित कुल 324 लोग सवार थे। जेट एयरवेज ने माना कि पायलट और को-पायलट ने लापरवाही की और अनप्रोफेशनल रवैया दिखाया।
– कॉकपिट में सिर्फ एक पायलट का होना, दूसरे का बाहर बैठकर रोना और फ्लाइट का कॉकपिट छोड़कर दोनों पायलट का बाहर आ जाना एयरलाइंस के नियमों की धज्जियां उड़ाने वाला था।
– बड़ा हादसा हो सकता था। एयरलाइंस ने घटना की पूरी जानकारी नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) को दी है। मामले की आंतरिक जांच के आदेश भी दे दिए गए हैं। पुरुष पायलट का लाइसेंस सस्पेंड कर दिया गया है, जबकि महिला पायलट को ग्राउंड अटैच किया गया है।
जेट ने बयान जारी किया है
– ‘जेट एयरवेज के लिए यात्रियों, चालक दल और विमान की सुरक्षा सबसे अहम है। इससे समझौता करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ जीरो टोलरेंस की नीति अपनाई जाएगी।