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Faridabad। श्री लक्ष्मीनारायण दिव्यधाम, shri sidhdata ashram में महाशिवरात्रि पर्व सविधि संपन्न हुआ। इस अवसर पर अधिपति परम पूज्य अनंतश्री विभूषित इंद्रप्रस्थ एवं हरियाणा पीठाधीश्वर श्रीमद् जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य महाराज ने भगवान महादेव का अभिषेक कर सभी को प्रसाद एवं आशीर्वाद प्रदान किया है।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि महादेव अपने भक्तों का असंतोष समाप्त कर देते हैं। वह अपने भक्तों की कामनाओं को अधूरा नहीं छोड़ते लेकिन उनका सबसे बड़ा गुण भौतिक पदार्थों में लोटपोट न होना है। उनके पास सबकुछ है लेकिन वह स्वयं भस्म रमाने वाले देवता है। इसका अर्थ है कि वह हमें सांसारिक पदार्थों में लिप्सा न रखने का संदेश दे रहे हैं।
श्री गुरु महाराज ने कहा कि आज के ही दिन हम महादेव का विवाह उत्सव भी मनाते हैं और उनके दो पुत्र गणेश और कार्तिकेय भी हैं जिनका वह पूरे मनोयेाग से लालन पालन भी करते हैं। लेकिन फिर भी वह संसार में लिप्सा नहीं रखते। इस प्रकार वह हमें संदेश दे रहे हैं कि सबकुछ मिलेगा, लेकिन संसार में मानव जन्म लिया है कि तो भगवान का भजन कर। इस प्रकार वह सूक्ष्मतम ज्ञान देने वाले गुरु भी हैं।
इससे पूर्व स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य महाराज ने रामानुज परंपरा का निर्वहन करते हुए सविधि भगवान महादेव का श्रृंगार, पूजन एवं अभिषेक भी किया। जिसके बाद सभी ने भगवान का अभिषेक कर श्री गुरु महाराज से आशीर्वाद प्राप्त किया। इस अवसर पर यहां पहुंचे हजारों भक्तों के दर्शन एवं भोजन प्रसाद की उत्तम व्यवस्था की गई।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि महादेव अपने भक्तों का असंतोष समाप्त कर देते हैं। वह अपने भक्तों की कामनाओं को अधूरा नहीं छोड़ते लेकिन उनका सबसे बड़ा गुण भौतिक पदार्थों में लोटपोट न होना है। उनके पास सबकुछ है लेकिन वह स्वयं भस्म रमाने वाले देवता है। इसका अर्थ है कि वह हमें सांसारिक पदार्थों में लिप्सा न रखने का संदेश दे रहे हैं।
श्री गुरु महाराज ने कहा कि आज के ही दिन हम महादेव का विवाह उत्सव भी मनाते हैं और उनके दो पुत्र गणेश और कार्तिकेय भी हैं जिनका वह पूरे मनोयेाग से लालन पालन भी करते हैं। लेकिन फिर भी वह संसार में लिप्सा नहीं रखते। इस प्रकार वह हमें संदेश दे रहे हैं कि सबकुछ मिलेगा, लेकिन संसार में मानव जन्म लिया है कि तो भगवान का भजन कर। इस प्रकार वह सूक्ष्मतम ज्ञान देने वाले गुरु भी हैं।
इससे पूर्व स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य महाराज ने रामानुज परंपरा का निर्वहन करते हुए सविधि भगवान महादेव का श्रृंगार, पूजन एवं अभिषेक भी किया। जिसके बाद सभी ने भगवान का अभिषेक कर श्री गुरु महाराज से आशीर्वाद प्राप्त किया। इस अवसर पर यहां पहुंचे हजारों भक्तों के दर्शन एवं भोजन प्रसाद की उत्तम व्यवस्था की गई।