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desk| दिल्ली की एक स्पेशल कोर्ट 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले मामले में गुरुवार को पूर्व मंत्री ए. राजा और राज्यसभा सांसद कनिमोझी सहित सभी आरोपियों को बरी कर दिया. वकील ने बताया कि सबूत देने में नाकामयाब आरोप लगाने वाले सबूत देने में नाकामयाब रहे.
सजा तय कर सकती है. इस मामले में पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा और डीएमके नेता कनिमोझी सहित 17 हाई प्रोफाइल उद्योगपति भी आरोपी हैं. ए राजा और कनिमोझी सुनवाई के लिए पटियाला कोर्ट पहुंच चुके हैं.
इस मामले की सुनवाई करने वाली सीबीआई की विशेष अदालत तीन मामलों में फैसला सुना सकती है. इसमें दो केस सीबीआई के हैं और एक मामला प्रवर्तन निदेशालय का है. प्रवर्तन निदेशालय के आरोप पत्र में ए राजा, कनिमोझी, शाहिद बलवा, विनोद गोयनका, आसिफ बलवा, राजीव अग्रवाल, करीम मोरानी और शरद कुमार के नाम शामिल हैं.
बता दें कि सीबीआई के पहले केस में ए राजा और कनिमोझी समेत पूर्व टेलीकॉम सेक्रेटरी सिद्धार्थ बेहुरा और ए राजा के पूर्व निजी सचिव आरोपी हैं. इनके साथ स्वान टेलीकॉम के प्रमोटर्स, यूनिटेक के प्रबंध निदेशक पर भी आरोप दर्ज हैं.
सीबीआई ने राजा और अन्य आरोपियों के खिलाफ अप्रैल 2011 में आरोप पत्र दाखिल किया था. सीबीआई ने आरोप लगाया था कि 122 लाइसेंस के आवंटन से 30,984 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था. इसे दो फरवरी 2012 को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया था. मामले में आरोपियों को छह महीने से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है.
सीबीआई के दूसरे केस में एस्सार ग्रुप के प्रमोटर रवि रुइया और अंशुमन रुइया, लूप टेलीकॉम के प्रमोटर किरण खेतान, उनके पति आई पी खेतान और एस्सार समूह के निदेशक (स्ट्रैटजी एंड प्लानिंग) विकास सरफ आरोपी हैं. सीबीआई कोर्ट में तीसरा आरोप-पत्र प्रवर्तन निदेशालय ने अप्रैल 2014 में 19 आरोपियों के खिलाफ दाखिल किया था.