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faridabad| ऊर्जा दक्षता (एनर्जी एफिशिएंसी) पर एक संगोष्ठी का आयोजन ऑय-एम-एस.एम.ई-ऑफ़-इंडिया ने बहुराष्ट्रीय कंपनी पी.डब्लू.सी. व जायका (जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी) के साथ मिलकर किया।
राजीव चावला, अध्यक्ष, ऑय-एम-एस.एम.ई-ऑफ़-इंडिया ने स्वयं ही एक कुशल क्विज़ मास्टर के रूप में प्रोग्राम व् प्रश्नोत्तरी का सञ्चालन किया! सभी उपस्थित उद्यमियों को प्रश्नोत्तरी में भाग लेने का बराबर अवसर मिला| पहले राउंड से निकले टॉप 20 उद्यमियों को चार चार की पाँच टीमों में बांटा गया! धीरे धीरे प्रोग्राम बहुत ही रोमांचक मोड़ पर पहुंच गया| पहले दर्जे पर आई टीम को इनाम राशि के रूप में दिल्ली-लंदन रिटर्न एयर टिकट, व् दूसरे स्थान की टीम को दिल्ली-जर्मनी का रिटर्न एयर टिकट जीतने का सौभाग्य प्राप्त हुवा! तीसरी विजेता टीम का चुनाव एक रोमांचकारी रैपिड फायर राउंड के नतीजे से हुवा! रिटर्न एयर टिकट्स के अलावा लाखों रुपये के और इनाम जैसे यू.पी.एस., एल.ई.डी लाइट्स आदि के रूप में वितरित किये गए! जो दर्शक, टॉप ५ टीम्स के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाये, उनको भी पास्ड-ओन प्रश्नो के उत्तर देने से इनाम जीतने के कई मौके मिले! प्रोग्राम के अंत तक हर चेहरे पर ख़ुशी और जीत का एहसास था!
इस अवसर पर ऊर्जा दक्षता से सम्बंधित दो संक्षिप्त पर अत्यधिक महत्वपूर्ण प्रेसेंटेशन्स ‘थर्मल इंसुलेटेड फोम’ व् ऑनलाइन यू.पी.एस. पर दी गयी।
एम.एस.एम.ई उद्यमियों में अधिक जागरूकता पैदा करने के लिए ऑय-एम-एस.एम.ई-ऑफ़-इंडिया के सदस्य कंपनियों द्वारा ही उत्पादित एल.ई.डी लाइट्स, सौर पी.वी, बिल्डिंग कस्ट्रक्शन में प्रयोग किये जाने वाले ‘थर्मल जैसे कई उत्पादों जो की ७०-८०% तक एनर्जी बचा सकते हैं और अच्छी कीमतों पर आसानी से उपलब्ध हैं, को भी संगोष्ठी हॉल में प्रदर्शित किया गया।
चावला ने उल्लेख किया है कि जल्द ही ऑय-एम-एस.एम.ई-ऑफ़-इंडिया ग्रीन कंस्ट्रक्शन पर एक विशेष सत्र का आयोजन करेगा।
ऑय-एम-एस.एम.ई-ऑफ़-इंडिया संगठन भारतीय कंपनी अधिनियम की धारा 25 के तहत ,एम.एस.एम.ई उद्यमियों की सहायता के लिए बनाया गया है! इस संस्था का नाम न केवल आज देश के बड़े, सम्मानीय और सबसे तेजी से बढ़ते संगठनों में लिया जाता है, बल्कि अपने दायरे में 6,000 से अधिक सदस्यों के साथ यह जीवंत, प्रगतिशील और समर्पित एस.एम.ई छाता संगठन रूप में विश्व स्तर पर छा रहा है! पिछले सात सालों से एम.एस.एम.ई के सेवाओ में जुटे इस संस्थान को इसके समपर्ण और उपलब्धियों के कारण अब अनौपचारिक रूप से ‘पारसमणि’ संस्थान का दर्जा दिया जाने लगा है!